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ISHI.
PCOD, थाइरोइड, इम्युनिटी और वैलनेस
अपनी ज़िंदगी के हर मोड़ पर मुस्कुराते रहें।
मुख्य फायदे
- पीरियड्स के दर्द को
- कम करे
- हाइपोथायरायडिज्म में सुधार
- PCOS / PCOD में सुधार
- PMS / PMT के संकेतों में सुधार
- Cravings नियंत्रण
- ऊर्जा को बढ़ावा
- मूड अच्छा करे
- इसमें आयरन, कैल्शियम, कैरोटीन और विटामिन C पाया जाता है
- चीनी मुक्त
- एनीमिया को ठीक करता है
- Gluten free
हमारे सभी उत्पाद सख्त गुणवक्ता नियंत्रण के साथ तैयार किए गए हैं और ISO 9001: 2015, BMQR, GMP और ISAC के द्वारा certified हैं।

भारत में बना हुआ

लंबे समय के इस्तेमाल के लिए सुरक्षित

रासायनिक और मिलावट रहित

100% ऑर्गेनिक सामग्री

100% आयुर्वेदिक

100% शाकाहारी। जानवरों से हमें प्रेम है

विश्व स्तर पर स्वीकृत रिसर्च से समर्थित
यह कैप्सूल में क्या है?
ISHI की प्रमुख सामग्री अश्वगंधा है। उदाहरण के लिए, यह हृदय की मांसपेशियों को अधिक लचीलापन देता है और उन्हें मज़बूत बनता है, और यह uterus और पीरियड्स के दर्द को कम करने में कारगर रहा है। अश्वगंधा एक एडाप्टोजेन भी है और तनाव नियंत्रण, मूड स्विंग्स में मदद करता है और इसमें आयरन, कैल्शियम, कैरोटीन, फाइबर और विटामिन C भी होता है जो कि विटामिन की कमी को पूरा करने में सहायता करता है और एनीमिया से भी लड़ता है।
Other Advantages of ISHI. For Women

कैंसर विरोधी और जलन विरोधी गुण

बुढ़ापे के असर से बचाए

डिप्रेशन विरोधी, PMS और PMT के लक्षण से बचाए

चरबी कम करे

एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर – इम्युनिटी बढ़ाए

हड्डयों को मज़बूत बनाए
Hypothyroidism के लिए ISHI
subclinical hypothyroidism (SCH) एक थाइरोइड की बिमारी है जिसके कोई लक्षण नहीं होते। Hashimoto थयरॉइडिटिस ( एक क्रोनिक ऑटोइम्म्युने बीमारी), CSH थाइरोइड के हॉर्मोन (TSH) का स्तर बढ़ने से होता है जो कुल 3-8% जन संख्या में होता है जिसमे से अधिकतर महिलाएं हैं।
इस बीमारी के लिए बनाई गयी औषधि (“सयंतिरोइड”) का कुछ ख़ास प्रभाव नहीं है और तभी कारगर होती है जब TSH का स्तर 10.0uIU/L के ऊपर हो। इसकी वजह से वैज्ञानिकों ने दूसरे उपाय ढूंढने शुरू कर दिए और अश्वगंधा पर परीक्षण किए। अश्वगंधा एक एडाप्टोजेन है जो चिंता और तनाव को कम करने के लिए जाना जाता है।
2017 में की गई खोज में 50 लोग शामिल थे जिसमे से 25 पुरुष और 25 महिलाएं थी और इनकी उम्र 27-43 वर्ष के बीच में थी। इन सबके थाइरोइड होर्मोनेस का स्तर बढ़ा हुआ था और यह किसी भी तरह की दवाओं का सेवन नहीं कर रहे थे। इन सब को 8 हफ़्तों तक 300mg अश्वगंधा के अर्क को दिन में 2 बार सेवन कराया गया। इन सबके के रक्त के सैंपल ले लिए गए प्रयोग के पहले और प्रयोग के बाद।
8 हफ़्तों के बाद जिन्होंने ने अश्वगंधा का सेवन किया था उनके थाइरोइड में काफी सुधार दिखा।
Ashwagandha | p – value | Placebo | p – value | p – value between groups | |
---|---|---|---|---|---|
T3:ITT Ratio | 41.5% increase (1.18 to 1.67) | < 0.001 | 3.2% decrease (1.26 to 1.22) | 0.007 | 0.0031 |
T4:PP Ratio | 20.8% increase (95.32 to 115.22) | < 0.001 | 4.7% increase (92.47 to 96.85) | 0.467 | 0.0096 |
TSH:PP Ratio | 18.9% decrease (6.51 to 5.28) | < 0.001 | 5% increase (6.79 to 7.13) | 0.727 | 0.001 |
अपने आयुर्वेदिक मासिक चक्र को कैसे समझे?
एक महिला के जीवन का अधिकांश हिस्सा हार्मोनल चक्रों से होता है और puberty से लेकर रजोनिवृत्ति के बाद तक सभी तरह से उनके हॉर्मोन पर निर्भर होता है। एक स्वस्थ चक्र और हार्मोनल संतुलन बनाए रखना एक महिला के पूरे शरीर के स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और उसकी भलाई पर प्रभाव डालेगा।
हम सभी PMT ’(जिसे PMS भी कहा जाता है) या पूर्व-मासिक तनाव से परिचित हैं; यह सिर्फ एक संकेत है कि एक महिला कैसे महसूस कर सकती है जब हार्मोन संतुलन से थोड़ा अधिक हो जाते हैं।
महिलाओं के लिए एक स्वस्थ हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए एक महिला के दर्द मुक्त, परेशानी मुक्त मासिक चक्र को सहन करने, गर्भ धारण करने और सफलतापूर्वक जन्म देने और एक तनाव-मुक्त रजोनिवृत्ति का अनुभव करने की क्षमता निर्धारित करता है। दूसरे शब्दों में यह एक महिला की खुशाल ज़िंदगी के लिए महत्त्वपूर्ण है।
आयुर्वेद (चिकित्सा की प्राचीन भारतीय सिस्टम) में, अपनी की स्वास्थ्य चिंताओं को समझना आपके ‘दोष’ को पहचानने के आसपास केंद्रित है। अपने दोष को अपने हेल्थ स्टार साइन की तरह ही समझें। आपके दोष को समझने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपका शरीर कैसे काम करता है और इसलिए, आप इसकी मदद कैसे कर सकते हैं।
वात, पित्त और कफ तीन मुख्य आयुर्वेदिक दोष हैं। सीधे शब्दों में कहें, तो हम सभी के पास तीनों का थोड़ा सा हिस्सा होता है, लेकिन अक्सर ऐसा होता है जो अधिक प्रभावी होता है। अगर आप अभी भी समझ नहीं पाएं है अपने दोष को तो उसको पहचानने के कई तरीके हैं:
वता दोष वाले व्यक्ति बहुत क्रिएटिव होते है और विचार से भरपूर होते है।
काफा प्रकार आपके स्थिर, मजबूत और जमीनी व्यक्ति हैं जो अक्सर सब कुछ सन्तुलनत में रखते हैं।
पित्त प्रकार उग्र, भावुक, क्प्म्पेटिटिवे होते हैं।
परतु यह सब महिलाओं की मासिक चक्र और स्वास्थ पर कैसे प्रभाव डालता है?
मासिक चक्र के खुद वता, पित्त और कपा चरण होते हैं।
यह कैसे मदद कर सकता है? यहां बताया गया है कि आयुर्वेदिक मासिक चक्र कैसे काम करता है: • वात चरण लगभग 1-5 दिन (रक्तस्राव के पहले दिन से) तक रहता है। काफा चरण रक्तस्राव के अंत तक रहता है जब तक कि ओव्यूलेशन शुरू हो जाए (लगभग दिन 4-14) • पित्त चरण तब तक ओव्यूलेशन से रहता है जब तक आपके पीरियड्स शुरू नहीं होती है (दिन 14-18)।
ISHI क्या काम करता है?
ISHI में प्रमुख सामग्री अर्थात अश्वगंधा शून्य प्रभाव के साथ तीनों दोषों को शांत करता है। यह PMS / PMT लक्षणों को कम करने में मदद करता है। यह अश्वगंधा psychological लक्षणों के साथ जुड़े तनाव और चिंता से लड़ने में मदद करने के लिए जाना जाता है।
ISHI यह सब चीज़ों से मुक्त होने पर गर्व करता है।
- Preservatives
- Sugar
- नकली Flavors
- नकली Colors
- GMO
- Gluten
- Additives
- अप्राकृतिक
यहाँ तक की हमारे कैप्सूल में भी कोई कलर नहीं मिलाया जाता।
कौन इसका सेवन न करे?
- गर्भवती महिलाएं
- जिनको ऑटोइम्म्युने की बिमारी है
- स्तनपान करने वाली महिलाएं
- ISHI से डाइबिटीज़ का भी इलाज हो सकता है इसलिए जो व्यक्ति इन्सुलिन का सेवन कर रहे हैं वह इससे दूर रहें
- वह व्यक्ति जो थाइरोइड की दवाइयाँखा रहे हैं
हम विज्ञान द्वारा समर्थित हैं
हमारा निर्माण का तरीका










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